जानें कैसे डूबा टाईटैनिक जहाज़ हिंदी में

 जानें कैसे डूबा गया `कभी न डूबने वाला`टाईटैनिक जहाज़ 

टाईटैनिक जहाज़ का अचानक डूब जाना इतिहास का सबसे बड़ी आपदाओं में से एक है।इसको दो हजार से भी ज्यादा वर्कर्स (Workers) ने बना कर दिया था। टाइटैनिक जहाज बहुत विशाल था इसको बनाने में कुछ वर्क्स ( Workers) की मौत भी हो गयी थी।  ऐसे में आइए कुछ फैक्ट्स जानते है इस जहाज के बारे में की आखिर क्या हुआ टाईटैनिक जहाज़ के साथ उस दिन की यह समुन्द्र में डूब गया। 

रॉयल मेल शिप (RMS) टाइटैनिक उस समय का सबसे बड़ा जहाज़ था। अब इसे डूबे हुए एक सदी से ज्यादा हो चूका है। ब्रिटेन के साउथेम्प (Southampton) से न्यूयॉर्क सिटी (New York) के लिए अपनी यात्रा पर निकली 14 अप्रैल 1912 की आधी रात में ये जहाज़ एक आइसबर्ग से टकरा गयी जिसके कारन इसमें पानी घुस गया और धीरे -धीरे 15 अप्रैल को यह जहाज पूरी तरह से जल मगन हो गया। इस हादसे में 1500 से ज्यादा लोगो ने अपनी जान गवायी।


इतिहास का सबसे विशाल जहाज जिसमे तीन फुटबॉल ग्राउंड भी समा सकते थे। उस समय के लोग इसके आकार देख कर हैरान थे इस पर एक फ़िल्म भी बनी ,जो की दुनिया की सबसे ज्यादा कमाई करने वालो फिल्मों में से एक है। तो आइये अब जानते है इस जहाज के बारे में .... 


बढ़ते समुंद्री यात्रियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया टाइटैनिक 

टाइटैनिक जहाज़ का निर्माण समुंद्री यात्रा के एक सुनहरे युग के दौरान किया गया था। इस जहाज़ को अन्य क्रूज लाइनरो के साथ परिस्पर्धा करने के लिए तैयार किया गया था। टाइटैनिक जहाज में 20वी सदी के दौरान प्रवासियों और अमीर यात्रीयों की संख्या बढ़ रही थी और ये लोग यूरोप से न्यूयॉर्क के बिच व्यपार किया करते थे,इसी कारन क्रूज लाइनरो पर बड़ी संख्या में लोगो के खानपान का वेवस्था किया गया था और इसे बनाने वाले कम्पनी ने इसमें हर तरह की सुविधाएं भी दी ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो।  


टाइटैनिक जहाज़ को बनाने में कितना पैसा खर्च हुआ ?

उस समय टाइटैनिक जहाज को बनाने में लगभग 7.5 मिलियन डॉलर का खर्च आया जो आज के समय में 192 मिलियन डॉलर लगभग (14 अरब रुपये ) होता है। ब्रिटिश शिपिंग कम्पनी व्हाइट स्टार लाइन को तीन `ओलंपिक क्लास ` जहाज़ बनाने का जिम्मा सौंपा गया। उसमे एक टाइटैनिक भी था जिसका निर्माण कार्य 31 मार्च 1909 को शुरू हुआ। उत्तरी आयरलैंड के बेलफ़ास्ट में स्तित हारलैंड एंड वुल्फ शिपयार्ड में इस जहाज़ को तैयार किया गया। इस जहाज में 16 कम्पार्टमेंट थे ,जो जहाज में पानी भरने के दौरान बंद हो कियें जा सकते थे। उस समय ये जहाज़ अपने आने वाले समय को देखते हुए तैयार किया गया था। 

कैसे डूबा टाइटैनिक जहाज़

टाइटैनिक जहाज़ अपने यात्रा के चार दिन बाद 14 अप्रैल 1912 को रात 11:40 बजे इसकी टक्कर एक बड़ा आइसबर्ग से हो गया टक्कर के कुछ छन पहले जहाज का आलम बजा पर जहाज तेजी  में होने के कारन टक्कर हो गयी। और  टक्कर के बाद उसमे तेजी से पानी भरने लगा। इसी दौरान जहाज के यात्रियों में अफरा -तफरी मच गयी। टक्कर के लगभग 3 घंटे के बाद 15 अप्रैल के सुबह 2:20 बजे जहाज का अगला हिंसा समुंद्र के आगोश में समा गया और इसका पिछला हिंसा धीरे -धीरे ऊपर उठ गया इसके बाद जहाज़ के दो टुकड़ो हो गए उसके बाद ये दो घंटो में पूरी तरह से डूब गया। इसी हादसे में लगभग 700 लोगो की जान बच पायी और लगभग 1500 लोगों की मौत हो गयी।    

10 अप्रैल 1912 को शुरू हुई थी यात्रा 

लगतार दो वर्षो तक तीन हज़ार मजदूरों ने रात -दिन काम कर और टाइटैनिक जहाज को तैयार किया। 31 मई  1911 को इस जहाज को लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया इसके देखने के लिए भारी संख्या में लोग आये उसके बाद 10 अप्रैल 1912 को इसने ब्रिटेन के साउथैम्टन से 2200 यात्रियों के साथ अपनी यात्रा शुरू की। टाइटैनिक में एक रॉयल मेल शिप भी था ,इसलिए वहां पर तीन हजार बैग मेल्स भी थे। जहाज के आकार बड़े होने के कारन इस में हर प्रकार की वेवस्था ,सुविधा  करवाई गयी थी और वो अपने आप एक में शाही अंदाज की थी।   


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