नील नदी के बारे में महत्पूर्ण जानकारी हिंदी में।
About Important of The Nil River In Hindi.
जैसा की आप सब लोग जानते है विश्व की सबसे लम्बी नदी नील नदी है।जो की अफ्रीका महाद्वीप में बहती है जिसकी लंबाई 6,853 किलोमीटर है।और हमारे इतिहास में बड़े -बड़े नगर इसके आस -पास बसे हुए है। नील नदी विक्टोरिया झील से शुरू होकर अफ्रीका के पूर्वी भाग से गुजरती हुई भू -मध्य सागर में गिरती है। यह लगभग 10 देशो से होकर गुजरती है जिसमे मिस्र ,इथोपिया ,सुडान एव बुरुंडी शामिल है। नील नदी के मुख्य सहायक नदीया भी है जिसका नाम सफेद नील और नीली नील नदिया है।
Content.( विषय )
1. नील नदी की उपजाऊ भूमि
2. मिस्र की सभ्यता में नील नदी का योगदान
3. इमारतें बनाने का सामान
4. नील नदी कितनें देशों से होकर गुजरती है ?
5. नील नदी का बाढ़
6. परिवहन (Transportation)
नील नदी की उपजाऊ भूमि
वहां की प्रमुख चीजे ,जो नील नदी के प्राचीन मिस्र( मिस्र की भाषा में नील नदी को `इतेरु`कहते है जिसका अर्थ `महान नदी ` होता है। ) के लोगों को उपलब्ध करवाती है वो है उपजाऊ भूमि। वहा पर ज्यादातर मिस्र रेतीला है पर नील नदी के आस -पास के भूमि बहुत उपजाऊ है जिस पर किसी भी प्रकार की फसले उगाई जा सकती है। वहां की मुख्य फसले गेंहू ,पटसन ,पेपिरस और कागज के पौधे है।
* गेंहू मिस्र के लोगों का मुख्य भोजन है जिससे वो रोटी बना कर खाते है और इसका व्यपार भी करते है।
* पटसन से कपड़ा और बोरियां बनता है।
* पेपिरस पौधा एक पौधा है जो की नील नदी के किनारों में पाया जाता है इससे वहां (मिस्र) के लोग पेपिरस पौधें की मदद से रस्सियां ,टोकरियाँ ,कागज़ और भी अन्य चीजें बनाते है।
मिस्र की सभ्यता में नील नदी का योगदान
मिस्र की सभ्यता संसार की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो की नील नदी के किनारें बड़ी फूली -फली है। नील नदी ने मिस्र के समाज और जीवन को काफ़ी प्रभावित किया है। इस नदी से लोगो को भोजन ,परिवहन और घर बनाने के लिए काफी चीजें उपलब्ध करवाई है।
इमारतें बनाने का सामान
नील नदी प्राचीन मिस्र के लोगों को घर या इमारते बनाने के लिए गीली मिट्टी की आवश्यकता पड़ती थी जिससे वह ईट बनाते थे और नदी के किनारों स्तित पहाड़ियों से वह चुना पत्थर और बलुआ पत्थर भी प्राप्त करते थे जिससे वह अपना घर बना लेते थे।
नील नदी कितनें देशों से होकर गुजरती है ?
नील नदी 10 देशो से होकर गुजरती है जो निम्न्लिखित है।
1. मिस्र (Egypt)
2. इरीट्रिया (Eritrea)
3. बुरुंडी (Burundi)
4. तंजानिया (Tanzania)
5. रवांडा (Rwanda)
6. कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (The Democratic Republic of the Congo)
7. केन्या (Kenya)
8. युगांडा (Uganda)
9. सूडान (sudan)
10. इ थियोपिया (Ethiopia)
नील नदी का बाढ़
हर साल सितम्बर में नील नदी की जल स्तर बढ़ जाती है जिसके कारण आस -पास के इलाकों में बाढ़ आ जाती है भले ही बाढ़ कुछ नुकसान करती है लेकिन देती भी बहुत कुछ है जैसे - बाढ़ आने से नुकसान तो होता था लेकिन इसकी वजह से वहां पर काली मिट्टी बिछ जाती थी जिससे किसानों की फसलों में बढ़ोतरी होती थी इसलिए वहाँ के लोग बाढ़ में आई हुई मिट्टी को नील नदी का तोहफ़ा कहते है।
1960 से 1970 के बिच नील नदी के बाढ़ से बचने के लिए असवान डैम (Aswan Dam) पुल का भी निर्माण किया गया था।
परिवहन (Transportation)
मिस्र समेत अफ्रीका के कई प्राचीन और आधुनिक शहर नील नदी के किनारें पर बस्ती है जिसके कारण नदी का परिवहन के तौर पर इस्तमाल किया जाता है और छोटी -बड़ी Boats (पानी में चलने वाले जहाज़ ) लगातार इस नदी के जरिये लोगों और समान या अन्य चीजें को ढुआई करती रहती है।
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